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Thursday, February 25, 2010

स्व इन्द्र कली देवी
आज से ठीक एक साल पहले मेरी दादी का इंतकाल हुआ था . मेरी दादी का नाम इन्द्रकली देवी था. बड़ी सुन्दर सी थी वो , झुरियाँ से उसकी त्वचा भरी पडी थी . मैंने उनको तब से देखा जब घर की बागडोर उनके हाथ में थी , धीरे धीरे बागडोर बहुएं छीनने लगी ,उसके बच्चें अलग होने लगे , आँगन में दीवारें खींच गई , खेतों में मेढ़े डाल दी गई और सब कुछ बाट लिए गए , पांच बेटे वाली माँ अकेले रहने लगी . पर दादी आत्मनिर्भर थी कभी भी दुसरो के आगे हाथ नहीं पसारा . हां नाती पोतो के लिए जान भी हाजिर करने वाली औरत थी वो. एक वृद्ध होती स्त्री क्या सोचती है अपने बच्चों के बारे में जो उससे अलग अपना एक संसार बना लेते हैं?
दादी का मुझसे बहुत स्नेह था , और स्नेह भी वह नहीं , जो प्रगल्भ होता है और अपनी सारी कसक शब्दों में बिखेर देता है , उसका स्नेक मूक था , खूब ठोस , रस और स्वाद से भरा हुआ

यहीं से शुरू होगा
इतिहास पिछला बाकी सारा
पीछे छूट पलट दिया जाएगा
सरकारें
बदल दी जाएंगी
स्मृतियां रहेंगी - मगर रोती हुई - किसी कोने या कूडेदान में

आख़िरी बार मै दादी से मिला था जब दादा का देहांत हुआ था ( अगस्त २००९ ) , मैंने उसे दादा के लिए रोते विलखते हुवे देखा आखिर करीब साठ- सत्तर साल का रिश्ता जो था . मैंने उसी दिन महसूस किया की पति- पत्नी एक दुसरे के लिए कितने अहम् होते है , कितना अहम् होता है एक दुसरे का साथ, एक दुसरे पर हक़ , उस दिन जीवन का एक अलग ही अनुभव था, उस दिन काल की निर्दयता पर क्रोध आया और खुद को असहाय महसूस किया . आज दादी गए को गए एक साल हो गए, घर के लोग उस बुढियां को भूल गए है , शायद कभी कभी बातों के दौर में दादी का नाम आता हैपर मेरे दिल में मेरी दादी आज भी ज़िंदा है और उनकी स्मृतियाँ हमेशां ज़िंदा रहेंगी

Tuesday, February 23, 2010

ये इंडिया का साँप है


ये आमेजन का अनाकोंडा नहीं है और ना ही ये इंडोनेशिया के किसी वीरान टापू का कोई reticulated python है . ये भारत में पाया जाने वाला विश्व का सबसे जहरीला साँप किंग कोबरा है , जो आसाम से पकड़ा गया है . भारत के कई हिस्से अभी भी वन्य जीवो के लिए बढ़िया बसेरा है , इतने लम्बे किंग कोबरा का भारत में पाया जाना एक शुभ संकेत है . शुभ संकेत ये की अभी भी देर नहीं हुई है हम वन्य जीवो और मनुष्यों को साथ साथ रहने की कला विकसीत करने की जरुरत है .उनके प्राकितिक पर्यावास को सुरछित रखने की जरुरत है .

Wednesday, February 17, 2010

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा

पुणे में बम ब्लास्ट हुआ , दिल फिर से निराश हो उठा , २६/११ के जखम फिर ताजा हो उठे , मातम की वो सुबह फिर दिल में घर कर गयी , मुंबई हमलों के लगभग २१ महीनों के बाद आतंकियों ने फिर निर्दोषों को मारा . शायद इन दहशतगर्दों ने शाहरुख खान की फिल्म नहीं देखी . कल इलियास कश्मीरी नामक एक आतंकी ,जो पाकिस्तान में बैठा है ने धमकी दी है की बाहर के लोग हिन्दोस्तान न आये क्योकि ऐसे धमाके जारी रहेंगे और उसने विदेशी खिलाड़ियों को होकी वर्ल्ड कप, कामनवेल्थ गेम और आई पी एल से दूर रहने की धमकी दी है . सरहद पार बैठे इन नपुंसकों को वहां की सरकार जो हिंदोस्ता से हमेशा हीन भावना की शिकार रही है , खूब प्रशय देती थी और वर्त्तमान में भी दे रही है . मुंबई धमाकों के बाद हमारी सरकार ने पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के डोसियर पाकिस्तान को दिए , वो डोसियर आज डस्ट बिन में पडी है , कोई कारवाई नहीं हुई तभी हमारी सरकार को पाकिस्तान से पता नहीं क्या मिला की विदेश सचिव स्तरीय बातचीत फिर से शुरू होने जा रही है. मैंने जब से होश सम्भाला है तब से ही ये बातचीत चल रही है , जिया उल हक़ साहब थे उस समय , फिर बेनजीर भुट्टो , नवाज शरीफ , परवेज मुसर्रफ , बाजपाई साहब की लाहौर बस यात्रा , कारगील पर हमला , १००० भारतीय जवान शहीद , फिर एक साल बाद परवेज मुसर्रफ की आगरा यात्रा , संसद पर हमला , मंदिरों पर हमला ( अक्षरधाम , रघुनाथ मंदिर , संकट मोचन मंदिर ), जयपुर, बनारस , जम्मू , अयोध्या , दिल्ली , मुंबई , पुणे .............सिलसिला जारी है . ये कौन सी बातचीत है जो ऐसे परिणाम देती है और अगर ऐसे परिणाम देनी वाली बातचीत को जारी रखने का क्या मतलब है समझ में नहीं आता .

खैर हम ये मानकर चल सकते है हमारी सरकार चुनी हुई हुई सरकार है और जो फैसले लेगी वो जनता का फैसला है जो अंततः जनता के हित में ही होगा और वो फैसला/ आदेश हम जरुर मानेंगे . पर इलियास कश्मीरी का आदेश हम कभी नहीं मानेंगे और हॉकी वर्ल्ड कप, कामनवेल्थ गेम और आई पी एल में हमारी भूमिका पहले जैसी ही रहेंगी . हम खुद की इच्छा के मालिक है , हमारी इच्छाओं पर किसी का बस नहीं चलेगा . अभी पुरे हिन्दुस्तान ने शाहरुख खान की फिल्म देखकर अपनी इच्छा शक्ती दिखा दी है और हॉकी वर्ल्ड कप, कामनवेल्थ गेम और आई पी एल देखने और खेलने का निर्णय हम खुद करेंगे ना की सरहद पार बैठा कोई नपुंसक इलियास कश्मीरी .

ये वीडियो देखे और कहे
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा

http://www.youtube.com/watch?v=vcnyHseKe0c

Monday, February 15, 2010

धन्य ! हो हमारी मीडिया



मेरे इन्बोक्स में एक मेल आया है आज . मेल पढ़कर सोचा हंसू या रोऊ ?
भारतीय मीडिया कितनी सवेदनशील है इसकी जानकारी लेनी हो तो ये पोस्ट जरुर पढ़े .
नीचे की तसवीरें लाहौर या रावलपिंडी की नहीं है
ना ही ये तसवीरें बंगलादेश की है
ये तसवीरें हमारे काश्मीर की है




















किसी भी चैनेल पर ये तसवीरें ब्रेकिंग न्यूज़ नहीं बनी और ना ही कोई रिपोर्ट ही आई

ब्रेकिंग न्यूज़ बनी ये खबरें


धन्य ! हो हमारी मीडिया

Saturday, February 6, 2010

सुरीला संगीत

जैज,रौक और डिस्को के शौकीन लोगों को एक बार ये गाना जरुर सुनना चाहिए .

Friday, February 5, 2010

प्रूफ ऑफ़ ग्लोबल वार्मिंग

कोपेनहेगेन सम्मलेन में ग्लोबल वार्मिंग के इस पहलु पर शायद कोई चर्चा नहीं हुई होगी ! 2020 में कपडे का साइज़ गौर करने वाला होगा !



भारत भाग्य बिधाता या भारत भागल जा ता !

Paradox of India
1. बाल ठाकरे आस्ट्रेलिया में भारतीयों पर हमले का विरोध करते है , आस्ट्रेलियन क्रिकेटरों के मुंबई में
ना खिलाने की धमकी देते है , अगले ही दिन सामना में उत्तर भारतीयों को मुंबई छोड़ने की धमकी देते है .

२. राज ठाकरे तमाम उत्तर भारतीयों के खिलाफ जहर उगलते है और लोगो को उस्काते है , फलस्वरूप मुंबई में उत्तर भारतीयों के खिलाफ तोड़ फोड़ होती है , एक बिहारी छात्र और उत्तर प्रदेश के एक मजदूर की मौत हो जाती है, सरकार के पास करने के लिए बहुत कुछ है पर केवल बयान आते है , कारवाई नहीं होती है


३ .राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग , हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट , से बाटला हाउस एन्कोउन्टर में दिल्ली पुलिस को क्लीन चीट मिलती है , तभी कांग्रेस के महासचिव को बाटला हाउस एन्कोउन्टर में
पोलिस की भूमिका पर संदेह होता है.

४. थ्री इडियट्स ( बाल ठाकरे , उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ) पर NSA क्यों नहीं लगता जबकि ये लगातार देश की एकता और अखण्डता का बलात्कार कर रहे है .
सिरीज जारी है ..........

Wednesday, February 3, 2010

Save our Tigers, सेव अवर टाइगर्स


Scared, Lost , Lonely ! Is that a life for our Tigers?

do Something before its too Late

I know we can do

becoz

Non of us is stronger than all of Us .



 

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