राजनीति का एक मिजाज ये भी है .सिर्फ़ चार ही क्यो भाई ,भारतीय संविधान में तो २२ भाषा का जिक्र है ,तो सभी भाषा की लिपि में लिखा बोर्ड होना चाहिए क्योकी दिल्ली में तो सभी भाषा और प्रांत के लोग रहते है और एक बात तो भूल गए ही गए हमारी दिल्ली में तो ८ फीसदी लोग अनपढ़ भी है तो उनके लिए भी तो कोई इंतजाम होना चाहिए . तभी तो राज्य या सरकार भाषा निरपेक्ष कही जाएगी .
BoB various Jobs Vacancy Recruitment 2024
4 days ago
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