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Friday, June 18, 2010

दिल्ली मेट्रो : फिर वही कहानी याद आयी

मैंने अपने ब्लॉग पर २ जून , २०१० को दिल्ली मेट्रो के बारे में लिखा था , कैसे दिल्ली मेट्रो का हाल दिन पर दिन बुरा होता जा रहा है और मेट्रो प्रशासन नींद में सोया हुआ है . कल भी इस ग्लोबल ट्रेंड सेटर ने दिल्ली वालों को धोखा दिया . शादीपुर में मेट्रो सेवा लगभग दो घंटो से ज्यादा वाधित रही . ऐसी घटनाएं अब मेट्रो के लिए आम बात हो चुकी है , आश्चर्य इस बात पर होता है की विश्वा स्तरीय होने का दावा भरने वाली , डी एम् आर सी इन गलतियों से कुछ सीख नहीं रही है .






3 comments:

नीरज मुसाफ़िर said...

मृत्युंजय जी,
आप बार-बार मेट्रो के खिलाफ़ लिख रहे हैं। मुझे अच्छा नहीं लग रहा है।
उस दिन शादीपुर में जो मामला हुआ, उसमें दिल्ली वाले जिम्मेदार हैं। पतंग उडाते हैं। पतंग कटती है तो मांझे धागे 25000 वोल्ट की तारों पर गिर जाते हैं। फिर धागे या तो तारों को शॉर्ट कर देते हैं या फिर ट्रेन के पेण्टो में फंसकर धमाका भी कर देते हैं।
आपको मेट्रो के बारे में और भी जानकारी चाहिये तो कृपया मुझे मेल करके अपना फोन नं दे दें:

neerajjaatji@gmail.com

राज भाटिय़ा said...

हम भी नीरज जाट जी से सहमत है

Daisy said...

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