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Tuesday, January 12, 2010

अमन की आशा या जंग की आशा

आज बहुत दिन के बाद इस ब्लॉग पर लिख रहा हूँ .समय और माधव में व्यस्तता के चलते यहाँ लिख नहीं पा रहा था . आज अचानक लिखना कैसे हुआ , इसका भी एक कारण है , इस साल के पहले ही दिन जब अखबार हाथ में आया (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ) तो फ्रोन्ट पेज पर लिखा था- Love पाकिस्तान और पूरा फ्रोन्ट पेज अमन की आशा नाम से भरा पूरा था , एक दो दिन बाद टी वी पर भी एक विज्ञापन आने लगा जो काफी बढ़िया लगा . आज यु टूब पर उस विज्ञापन को देखने का दिल किया , बस क्या यु टूब का साईट खोली और अमन की आशा ( aman ki asha) टाइप किया और जो वीडियो देखने को मिला उसे देखकर मै दंग रह गया. रेडक्लिफफ लाइन के उस पार रहने वाले हमारे बारे में क्या सोचते है आप भी देख कर दंग रह जायेंगे , यकीन मानिए वीडियो चोकाने वाला नहीं है पर उस पार के लोगों के कैसी मानसिकता हमारे बारे में है ये जरुर दर्शाता है .

राहुल गांधी ने अभी कुछ दिन पहले शिमला विश्वविद्यालय में कहा था "हम पाकिस्तान को कुछ ज्यादा अहमियत देते है जिसके लायक वो नहीं है " . यह बात बिलकुल सही है
आप वीडियो जरुर देखे अमन की आशा या जंग की आशा

URL- http://www.youtube.com/watch?v=pk44UEIVOOk



2 comments:

Udan Tashtari said...

हम पाकिस्तान को कुछ ज्यादा अहमियत देते है जिसके लायक वो नहीं है

-राहुल गांधी ने सही कहा!!

प्रकाश पंकज | Prakash Pankaj said...

अमन-अमन हम रटते आये, घाव पुराने भरते आये ,
झूठी पेश दलीलों पर , शत्रु को मित्र समझते आये ।
झूठी है यह "अमन की आशा", फिर काँटों भरी एक चमन की आशा,
अमन-चैन के मिथ्या-भ्रम में , शीश के मोल चुकाते आये । - पंकज
@ prakashpankaj.wordpress.com

 

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