पुन्टर का टी -२० को इस तरह अलविदा कहना कुछ अच्छा नहीं लगा और शायद विश्व खेल जगत ने भी इस खबर को बहुत ज्यादा अहमियत नहीं दी पर रिकी ज्यादा के हकदार है. दाए हाथ का तस्मानिया का ये प्लेयर अपने समय में विश्व का सर्वश्रेष्ठ खिलाडी / कप्तान है इसमे किसी को भी शक नहीं हो सकता . क्रिक्केट की तीनो विधाओ में माहिर पुन्टर शायद अपने never say die attitude के कारण अपने विरोधियों के आलोचनाओं के शिकार रहे पर एक तरह से कहा जाए तो वो स्टीव बाग़ के mental disintegration के सिधांत को आगे ही तो बढा रहे थे. रिकी को स्टीव एक बहुत ही मजबूत विरासत छोड़कर गए थे और रिकी ने उस विरासत को आगे ही बढाया . एक वक्त था जब कंगारुओ ने पुरे क्रिकेट विश्व पर बहुत लम्बे समय तक राज किया और उसमे पोंटिंग का बहुत बड़ा योगदान रहा है. रिकी, हेडेन , गिलक्रिस्ट , मैक्ग्राथ , सैमंड्स ये ऐसे खिलाडी है जिसे कभी भुला नहीं जा सकता .
रिकी आपका IPL में इन्तजार रहेगा !
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