गीत हमने दो लिखे
विरह के, मिलन के
एक गुनगुना न सका
एक गीत गा न सका
मीत तो मिले बहुत
जिन्दगी के सफर में
प्रीत भी जता न सका
और प्यारा पा न सका
जिन्दगी के पन्नें दो
पढ़ लिए कभी कभी
एक याद कर न सका
एक को भुला न सका
एक गुनगुना न सका
एक गीत गा न सका
(साभार : जगत नंदन सहाय )
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4 days ago
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